कभी तो आ, कभी तो आ, कभी तो आ ओ सपनों में आके चले जानेवाले भली-बुरी हूँ जैसी भी, मैं तेरी हूँ तरसकर मोहे तरसानेवाले कभी तो आ, कभी तो आ, कभी तो आ रंगीली रुत आ गई, रंगीली रुत आ गई देखके चाँद का ढलना हो, पिया मैं घबरा गई ढलेगी क्या ये उम्र … Continue reading
ओ बलमा तुम बेदर्दी मुँह देखेकी की प्रीत तुम्हारी हमने दिल से प्यार किया रूप-रंग तुम ख़ूब ही जानो मन की तपन पिया तुम क्या जानो अब तो हार मानो रसिया ओ बलमा तुम बेदर्दी … चाँद से कह दो आज ना जाए उनकी ये बतियां सबको बताए कल कहीं बदल ना जाएँ पिया ओ … Continue reading
ना जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए सपनों के मेहमान बनके मेरे दिल में आ गए धीरे-धीरे मेरी दुनिया पे छा गए ना जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए सब ये पूछेँ बलम का क्या नाम है जिसके तुम चन्द्रमा कौन-सा धाम है मैं न कुछ कह सकूँ, प्यार बदनाम है … Continue reading
अरे कोई जाओ री, पिया को बुलाओ री गोरी की पायल बाजे छुम छननन छुम जैसे-जैसे रात चढ़े, अँखियों की प्यास बढ़े गोरी की पायल कहे छुम छननन छुम आज की रात साजन के साथ गुपचुप होंगी भेद की बतियाँ नैनों में नैना हाथों में हाथ रूप धरेंगी मेरे मन की मुरतियाँ अरे कोई जाओ … Continue reading
देखो मेरा दिल मचल गया उन्हें देखा और बदल गया मचल गया, दिल मेरा देखो मेरा दिल मचल गया चाहत का रोग लगाके, आँखों में उनको बसाके मीठी ये आग लगाके, पछताऊँ मैं, पछताऊँ मैं देखो मेरा दिल मचल गया … जीना है मुश्किल उन बिन, बिगड़े है हालत दिन-दिन बिरहा की अग्नि पलछिन, जलती … Continue reading
जाओ, जाओ, नंद के लाला, तुम झूठे तुमसे ना बोलूँगी छोड़ो, छोड़ो मोरी बैंया, तुम झूठे तुमसे ना बोलूँगी कैसा तिलक, कहाँ की माला तन काला तेरा, मन भी काला रहने भी दो, बहुत जादू डाला जाओ, जाओ, नंद के लाला … अनपढ़ राधा सबकुछ जाने तुम्हरी तो नस-नस पहचाने किसको आए मुरलिया सुनाने जाओ, … Continue reading
तितली उड़ी, उड़ जो चली फूल ने कहा, आजा मेरे पास तितली कहे, मैं चली आकाश खिले हैं गगन में तारों के जो फूल वहीं मेरी मंज़िल कैसे जाऊँ भूल जहाँ नहीं बंधन, ना कोई दीवार जाना है मुझे वहाँ बादलों के पार तितली उड़ी, उड़ जो चली … फूल ने कहा, तेरा जाना है … Continue reading
बोल री कठपुतली, डोरी कौन संग बाँधी सच बतला तू नाचे किसके लिए बाँवरी कठपुतली, डोरी पिया संग बाँधी मैं नाचूँ अपने पिया के लिए जहाँ-जिधर साजन ले जाएँ, संग चलूँ मैं छाया-सी वो हैं मेरे जादूगर, मैं जादूगर की माया-सी जान-बूझकर छेड़के मुझसे पूछे ये संसार बोल री कठपुतली … पिया न होते मैं … Continue reading
बोल री कठपुतली, डोरी कौन संग बाँधी सच बतला तू नाचे किसके लिए बाँवरी कठपुतली, डोरी पिया संग बाँधी मैं नाचूँ अपने पिया के लिए नए नाम नित नए रूप धर, मैं आई मैं चली गई लेकिन मैंने धूम मचा दी, जिस नगरी जिस गली गई छोड़के जग तारों में पहुँची, वहाँ भी यही पुकार … Continue reading
मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गए सपनों की महफ़िल में हम-तुम नए मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गए दुनिया की नज़रों से दूर, जाते हैं हम-तुम जहाँ उस देश की चाँदनी गाएगी ये दास्ताँ मौसम था वो बहार का, दिल थे मचल गए सपनों की महफ़िल में हम-तुम नए मंज़िल वही … Continue reading