अरे वाह मेरे मालिक, ख़ूब हैं तेरे खेल पागल सारे छुट्टे घूमें, समझदार को जेल अरे वाह रे मालिक, अरे अरे जूते को पगड़ी, पगड़ी को जूता, चदरी को गमछा, सर को पैर बताएँ ये आँख के अँधे कमलनयन कहलाएँ तन बिन कपड़ा, कपड़ा बिन तन, धड़कन बिन दिल, दिल बिन धड़कन पहले बुढ़ापा, बाद … Continue reading
आ रहे थे इश्कूल से, रस्ते में हमने देखा एक खेल, सस्ते में क्या बेटा, क्या? चील चिलचिल्लाके कजरी सुनाए झूम-झूम कौवा भी ढोलक बजाए अरे वाह वाह वाह, अरे वाह वाह वाह छुक-छुक-छुक चली जाती है रेल छुप-छुप-छुप तोता-मैना का मेल प्यार की पकौड़ी, मीठी बातों की भेल थोड़ा नून, थोड़ी मिर्च, थोड़ी सूँठ, … Continue reading
छोटी-सी ये दुनिया, पहचाने रास्ते हैं तुम कहीं तो मिलोगे, कभी तो मिलोगे तो पूछेंगे हाल छोटी-सी ये दुनिया हम तो ये समझेंगे हमने एक पत्थर को पूजा लेकिन तुमको अपने जैसा नहीं मिलेगा दूजा छोटी-सी ये दुनिया … सीखा नहीं हमारे दिल ने, प्यार में धीरज खोना आग में जलके भी जो निखरे, है … Continue reading
एक नज़र किसीने देखा, और दिल हुआ दीवाना है बात बस इतनी-सी, और बन गया अफ़्साना चोरी-चोरी बगिया में आई जो बहार कलियों की अँखियों से छलका ख़ुमार छुप-छुप किसीसे नज़र हुई चार कोई दिल जीत गया, कोई गया हार मन मेरे झूम, तारों को चूम, आया तेरा ज़माना एक नज़र किसीने देखा … बाजे … Continue reading
अर्ज़ी हमारी, ये मर्ज़ी हमारी जो सोचे बिना ठुकराओगे, देखो बड़े पछताओगे दिल ही हमारा बचा न बेचारा, तो किस पे ये तीर चलाओगे देखे हैं तुम्हारे सपने, सोची हैं तुम्हारी बातें देखा है वो चँदा जबसे, आँखों में गुज़ारी रातें रुनझुन मन में धूम मचाके, हौले-हौले आके ये आग लगाके जो और कहीं चले … Continue reading
अरे भाई निकल के आ घर से आ घर से दुनिया की रौनक देख फिर से देख ले फिर से अरे भाई निकल के आ घर से केम ऊंघे छे भाई घनशामजी हो केम ऊंघे छे भाई घनशामजी दुनिया बदल गई प्यारे आगे निकल गई प्यारे अँधे कुँए में छुपके क्यूँ बैठा हुआ है मन … Continue reading
मिलते-ही नज़र आप मेरे दिल में आ गए अफ़्सोस है कि आप भी मुश्किल में आ गए मिलते-ही नज़र आप मेरे दिल में आ गए दिल के कहने पे बढ़ते गए ये क़दम क्या ख़बर थी डगर भूल जाएँगे हम जाते थे कहीं और कहीं और आ गए मिलते-ही नज़र … नैन जादूभरे मुस्कुराते गए … Continue reading
नख़रेवाली देखने में देख लो हैं कैसी भोली-भाली अजनबी ये छोरियाँ, दिल पे डालें डोरियां मन की काली वो तो कोई और थी जो आँखों से समा गई दिल में बेरहम, बेवफ़ा, अपना कुछ अता-पता बता तो दे बेकली, बेकसी, कुछ तो कम हो फिर से मुस्कुरा तो दे वो तो कोई और थी जो … Continue reading
एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं तुमसे कुछ और जो माँगूँ तो गुनहगार हूँ मैं एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं एक-सौ-आँठवीं अर्ज़ी मेरे अरमानों की कर लो मंज़ूर कि बेकारी से बेज़ार हूँ मैं मैं कलेक्टर न बनूँ और न बनूँगा अफ़सर अपना बाबू ही बना लो मुझे बेकार हूँ मैं मैंने … Continue reading
छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में आशा दीवानी मन में बँसुरी बजाए हम ही हम चमकेंगे तारों के उस गाँव में आँखों की रौशनी हरदम ये समझाए चाँदी की कुर्सी पे बैठे मेरी छोटी बहना सोने के सिंघासन पे बैठे मेरी प्यारी माँ मेरा क्या मैं पड़ा रहूँगा अम्मीजी के पाँव में आ आ … Continue reading