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१९५७ – कठपुतली – दुनिया में चाँद-सूरज | 1957 – Kathputli – duniya mein chand sooraj

मिनी मिनी ची ची, मिनी मिनी ची ची दुनिया में चाँद-सूरज हैं कितने हसीँ, कितने हसीँ उतना ही, सुन मेरे भैया, दिल को लुभाए रुपैया रुपयों का चश्मा चढ़ाओ, ये दुनिया दिखेगी रंगीली सारे नशे इसके नौकर, ये है चीज़ ऐसी नशीली ये चम-चम इसीकी, छम-छम इसीकी, गाए इसीको गवैया मिनी मिनी ची ची, मिनी … Continue reading

१९५७ – कठपुतली – बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी २ | 1957 – Kathputli – bol ri kathputli dori kaun sang baandhi 2

बोल री कठपुतली, डोरी कौन संग बाँधी सच बतला तू नाचे किसके लिए बाँवरी कठपुतली, डोरी पिया संग बाँधी मैं नाचूँ अपने पिया के लिए जहाँ-जिधर साजन ले जाएँ, संग चलूँ मैं छाया-सी वो हैं मेरे जादूगर, मैं जादूगर की माया-सी जान-बूझकर छेड़के मुझसे पूछे ये संसार बोल री कठपुतली … पिया न होते मैं … Continue reading

१९५७ – कठपुतली – बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बाँधी १ | 1957 – Kathputli – bol ri kathputli dori kaun sang baandhi 1

बोल री कठपुतली, डोरी कौन संग बाँधी सच बतला तू नाचे किसके लिए बाँवरी कठपुतली, डोरी पिया संग बाँधी मैं नाचूँ अपने पिया के लिए नए नाम नित नए रूप धर, मैं आई मैं चली गई लेकिन मैंने धूम मचा दी, जिस नगरी जिस गली गई छोड़के जग तारों में पहुँची, वहाँ भी यही पुकार … Continue reading

१९५७ – कठपुतली – इतने बड़े जहाँ में ऐ दिल | 1957 – Kathputli – itne bade jahan mein ae dil

इतने बड़े जहाँ में ऐ दिल तुझको अकेला छोडूँ कैसे तू नादान, लोग बेगाने इन संग नाता जोडूँ कैसे मत जा रे, इन अनजानी गलियों से बचियो रे, दुनियावाले छलियों से तू एक जान, शिकारी लाखों इनका निशाना तोड़ूँ कैसे मत ललचा, गर काँटों में फूल भी है पूछ किसीसे, दिल का लगाना भूल भी … Continue reading

१९५७ – कठपुतली – मंज़िल वही है प्यार की राही बदल गए | 1957 – Kathputli – manzil wohi hai pyar ki raahi badal gaye

मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गए सपनों की महफ़िल में हम-तुम नए मंज़िल वही है प्यार की, राही बदल गए दुनिया की नज़रों से दूर, जाते हैं हम-तुम जहाँ उस देश की चाँदनी गाएगी ये दास्ताँ मौसम था वो बहार का, दिल थे मचल गए सपनों की महफ़िल में हम-तुम नए मंज़िल वही … Continue reading

१९५७ – एक गाँव की कहानी – झूमे रे नीला अंबर झूमे | 1957 – Ek Gaon Ki Kahani – 1957 – Ek Gaon Ki Kahani –

झूमे रे नीला अम्बर झूमे, धरती को चूमे रे तुझको याद करके, मेरा दिल भी झूमे मेरा दिल भी झूमे किसके इशारे मुझको यहाँ ले आए किसकी हँसी ने राह में फूल खिलाए अम्बुवा की डाली-डाली गाए कोयल काली मेरा दिल भी झूमे, मेरा दिल भी झूमे ऐसे में जो मिलता बाँहों को सहारा और … Continue reading

१९५७ – कठपुतली – हाय तू ही गया मोहे भूल रे | 1957 – Kathputli – haay tu hi gaya mohe bhool re

हाय तू ही गया मोहे भूल रे मैं हूँ तेरे जीवन की रागिनी हाय तू ही गया मोहे भूल रे तेरे नग़्मे तारे बनकर चमके सबके प्यारे बनकर हाय तू ही गया … फिर से ऐसा राग सुना रे झूम उठें ये ग़म के मारे हाय तू ही गया … haay tuu hii gayaa mohe … Continue reading

१९५७ – एक गाँव की कहानी – ओ हाय कोई देख लेगा | 1957 – Ek Gaon Ki Kahani – o haay koi dekh legaa

ओ हाय, कोई देख लेगा मेरे संग पिया, घबराए मोरा जिया रे हाय, कोई देख लेगा ओ, कोई क्या देख लेगा प्रीत की ये डोरी, दुनिया की नहीं चोरी रे कोई क्या देख लेगा मैं तो ये प्रेम-गली पहले पहल आज चली मेरे संग पिया, घबराए मोरा जिया रे हाय, कोई देख लेगा ओ, परदेसी … Continue reading

१९५७ – कॉफ़ी हाउस – जवाँ ये ज़िंदगी ये प्यार का समाँ | 1957 – Coffee House – jawan ye zindagi ye pyar ka sama

जवाँ ये ज़िंदगी, ये प्यार का समाँ ओ मेरे दिलबर, कहाँ है तू कहाँ पलकें बिछाए मैं खड़ी हूँ कबसे अरमान जगाए मैं खड़ी हूँ कबसे ये आग-सी लगाए खड़ी हूँ कबसे जवाँ ये ज़िंदगी … ताज के लिए ना तलवार के लिए मेरा दिल है मेरे दिलदार के लिए जान-ए-मन जाँ निसार तेरे प्यार … Continue reading

१९५७ – अब दिल्ली दूर नहीं – राम लीला | 1957 – Ab Dilli Door Nahin – raam leela

हमरे मनोरथ पूरे करना रघुपति राघव राजाराम रघुपति राघव राजाराम तुम चाहो तो पलभर में बन जाएँ अपने बिगड़े काम रघुपति राघव राजाराम रघुवर के गुण गावे रे, हम रघुवर के गुण गावे रे बोलो सियापति रामचंद्र की जय सोने के हिरन के पीछे गए, क्यूँ राम अभी तक आए नहीं नारी का मन कोमल … Continue reading

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