रूमझूमके बजाओ बंसरी मुरारी अंग-अंग में तरंग लाओ बनवारी रूमझूमके बजाओ बंसरी मुरारी मधुबन में मधुवंती गाएँ ब्रिजनारी रूमझूमके बजाओ बंसरी मुरारी राधा के मन में प्यार, रुनझुन पायल पुकार सखियाँ सजके सिंगार, आईं जमुना के पार रूमझूमके बजाओ बंसरी मुरारी रुक-थमके चाँद चले, तारों का मन मचले रुनक-झुनक धूम-धाम नीलम के गगन तले रूमझूमके … Continue reading
मोरी बिपदा आन हरो, प्रभु काहे देर करो मोरी बिपदा आन हरो मैं सपनों के महल बनाऊँ आशाओँ के दीप जलाऊँ आँख खुले तो कुछ ना पाऊँ मोसे छलिया छल ना करो मोरी बिपदा अन हरो … मन के बिखरे तार सजाऊँ जी चाहे संगीत सुनाऊँ लेकिन जाने क्यूँ घबराऊँ मेरा ये डर दूर करो … Continue reading
मैं मुरलीधर की मुरली लई, मुरलीधर ने लई मेरी माला मैं मुरलीधर की मुरली भई, मुरलीधर हो गए मेरी माला मैं मुरलीधर की मुरली लई मैं क्या जानूँ प्यार है क्या बला, ये दर्द है कैसा ये जग सारा लागे मुझे सखी सपनों के जैसा मैं अपनी सुध-बुध खो बैठी, दो नैनों ने जादू डाला … Continue reading
जहाँ कहीं दीपक जलता है, वहाँ पतंगा भी आता है प्रीत की रीत यही है, मूरख, तू कहे घबराता है परवाने की नादानी पर दुनिया हँसती है तो हँसे प्यार की मीठी आग में प्रेमी हँसते-हँसते जल जाता है जो एक बार कह दो कि तुम हो हमारे तो बदले ये दुनिया, बदलें नज़ारे जो … Continue reading
होली आई प्यारी-प्यारी भर पिचकारी, रंग दे चुनरिया हमारी ओ पिया रंग दे चुनरिया हमारी मेरे तन को भिगा दे, मन को भिगा दे मान ले अरज हमारी ओ पिया रंग दे चुनरिया हमारी एक बरस में एक दिन होली, जग दो दिन का मेला तन का पिंजड़ा छोड़के एक दिन पँछी जाए अकेला दो … Continue reading
चल-चल रे मुसाफ़िर चल, तू उस दुनिया में चल जहाँ दिल का एक इशारा हो, और दुनिया जाए बदल चल-चल रे मुसाफ़िर चल, तू उस दुनिया में चल मस्तीभरी हवाएँ, जिस गली से जाएँ, फूल खिलाएँ ये मदहोश निगाहें, जिसपे टिक जाएँ, अपना बनाएँ जहाँ प्यार का रस्ता कोई ना रोके, कोई ना कहे सम्भल … Continue reading
अर्ज़ी हमारी, ये मर्ज़ी हमारी जो सोचे बिना ठुकराओगे, देखो बड़े पछताओगे दिल ही हमारा बचा न बेचारा, तो किस पे ये तीर चलाओगे देखे हैं तुम्हारे सपने, सोची हैं तुम्हारी बातें देखा है वो चँदा जबसे, आँखों में गुज़ारी रातें रुनझुन मन में धूम मचाके, हौले-हौले आके ये आग लगाके जो और कहीं चले … Continue reading
एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं तुमसे कुछ और जो माँगूँ तो गुनहगार हूँ मैं एक छोटी-सी नौकरी का तलबगार हूँ मैं एक-सौ-आँठवीं अर्ज़ी मेरे अरमानों की कर लो मंज़ूर कि बेकारी से बेज़ार हूँ मैं मैं कलेक्टर न बनूँ और न बनूँगा अफ़सर अपना बाबू ही बना लो मुझे बेकार हूँ मैं मैंने … Continue reading
ओ मन रे, ना ग़म कर ये आँसू बनेंगे सितारे, जुदाई में दिल के सहारे बिछड़के भी हमसे जहाँ भी रहें वो, रहेंगे हमारे ओ मन रे, ना ग़म कर ये आँसू बनेंगे सितारे, जुदाई में दिल के सहारे जिधर से वो जाएँ आकाश पैरों में कलियाँ बिछा दे जहाँ रात हो कोई चुपके-से राहों … Continue reading
झूमे रे कली, भँवरा उलझ गया काँटों में बन-बन ढूँढ़े पवन शराबी गगन कहे, चुपके-से फूल खिला काँटों में झूमे रे कली, भँवरा उलझ गया काँटों में साँझ-सवेरे दिल को घेरे, कौन ये मुझपे जादू फेरे सब समझावें प्रीत बुरी है लगन कहे, जीवन का चैन छुपा काँटों में झूमे रे कली, भँवरा उलझ गया … Continue reading