चले सिपाही धूल उड़ाते, कहाँ किधर कोई क्या जाने कोई कहे ये जलते दीपक, कोई कहे ये परवाने चले सिपाही जीवन की ये अँधी आँधी अपनी राह न देखे किस झोंके में उजड़ जाएगी किसकी चाह, न देखे चले सिपाही धूल उड़ाते, कहाँ किधर कोई क्या जाने चले सिपाही बढ़ते क़दम जहाँ ले जाएँ, तेरा … Continue reading
क्या हवा चली, बाबा, रुत बदली क्या हवा चली, रे बाबा, रुत बदली शोर है गली-गली, सौ-सौ चूहे खायके बिल्ली हज को चली क्या हवा चली … पहले लोग मर रहे थे भूख से अभाव से अब कहीं ये मर न जाएँ अपनी खाव-खाव से मीठी बात कडवी लगे, गालियाँ भली क्या हवा चली … … Continue reading
जो मैं ऐसा जानती कि प्रीत किए दुख होय तो नगर ढिंढ़ोरा पीटती, कि प्रीत न करियो कोय काटे ना कटे रैना मोरे लागे उनसे नैना, रे काटे ना कटे रैना तुम्हारे वादे, कि ज्यों शराबी करे है तौबा नशे में आकर हमारी आदत, कि मुंतज़िर हैं, जवान रातों का दिल दुखाकर चँदा हँसे आकाश … Continue reading
ओ ओ ओ ओ बिछुआ, हाय रे पीपल छैँया बैठी पलभर भरके गगरिया, हाय रे होय ओय ओय ओय दैय्या रे, दैय्या रे, चढ़ गयो पापी बिछुआ ओ हाय हाय रे मर गई, कोई उतारो बिछुआ दैय्या रे, दैय्या रे, चढ़ गयो पापी बिछुआ कैसो रे पापी बिछुआ, कैसो रे पापी बिछुआ दैय्या रे, दैय्या … Continue reading
बता दो कोई, कौन गली गए श्याम कौन गली गए श्याम बता दो कोई, कौन गली गए श्याम झूठा धीरज आस दिलाकर, अचक-अचानक बाँह छुड़ाकर गए वो, हम रह गए यहाँ, दो टूक कलेजा थाम कौन गली गए श्याम बता दो कोई, कौन गली गए श्याम पलछिन-मात ज़माने बीते, शरद-बसंत सुहाने बीते बार-बार झुक पड़े … Continue reading
पहले मुर्गी हुई थी कि अण्डा, ज़रा सोचके बताना जग में पहले गड़ा किसका झण्डा, ज़रा सोचके बताना हर चेहरे पे नक़ली चेहरा, नक़ली चेहरे पे झूठी हँसी ऊपरवाले तेरे ही कारन जान मेरी मुश्किल में फँसी पहले मुर्गी हुई थी कि अण्डा, ज़रा सोचके बताना ज़रा सोचके बताना देख अकेला आँखदिखाई, महफ़िल में आके … Continue reading
आप हुए मेरे बलम मैं तुम्हारी हुई, मान लीजिए अजी मान लीजिए दिल का इरादा, नज़र के इशारे हुए, जान लीजिए अजी जान लीजिए आप हुए मेरे बलम मैं तुम्हारी हुई, मान लीजिए अजी मान लीजिए ग़ैरों की नज़रों से तुमको चुरा लूँ जी चाहता है पलक में छुपा लूँ प्यार की ये डोरी सजन … Continue reading
ओ जग के रखवाले, हमें तुझबिन कौन सँभाले ओ जग के रखवाले जित देखूँ, देखूँ अँधियारा, घायल मन घबराए जैसे अँधी रात में पँछी राह भूल दुख पाए चहुं-ओर हैं बादल काले हमें तुझबिन कौन सँभाले, ओ जग के रखवाले एक आस अब तुमसे भगवन, एक ही द्वार तुम्हारा बाँह बढ़ाके हमें उठा लो, तुमही … Continue reading
ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फ़िज़ाएँ, उठा धीरे-धीरे वो चाँद प्यारा-प्यारा क्यूँ आग-सी लगाके गुमसुम है चाँदनी, सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा इठलाती हवा, नीलम-सा गगन, कलियों पे ये बेहोशी की नमी ऐसे में भी क्यूँ बेचैन है दिल, जीवन में न जाने क्या है कमी क्यूँ आग-सी लगाके गुमसुम है चाँदनी, … Continue reading
जहाँ मैं जाती हूँ, वहीं चले आते हो चोरी-चोरी मेरे दिल में समाते हो ये तो बताओ कि तुम मेरे कौन हो दिल की दिल से लगन की ये बात है प्यार की राह-रस्म की ये बात है मुझसे ना पूछो कि तुम मेरे कौन हो मैं तो शोर मचाऊँगी, करनी तुम्हारी सबको बताऊँगी ख़ैर … Continue reading