ये चमन हमारा अपना है इस देश पे अपना राज है मत कहो कि सर पे टोपी है कहो सर पे हमारे ताज है ये चमन हमारा अपना है आती थी एक दीवाली, बरसों में कभी ख़ुशहाली अब तो हर एक वार एक त्योहार है, ये उभरता-सँवरता समाज है ये चमन हमारा अपना है … … Continue reading →