सवेरेवाली गाड़ी से चले जाएँगे, सवेरेवाली गाड़ी से चले जाएँगे कुछ लेके जाएँगे हो कुछ देके जाएँगे सवेरेवाली गाड़ी से चले जाएँगे ये मेला दो घड़ी का, दो दिनों की है बहार समय की बहती धार कहती जाती है पुकार मेहमान कब रुके हैं कैसे रोके जाएँगे कुछ लेके जाएँगे हो कुछ देके जाएँगे सवेरेवाली … Continue reading
ऐ चाँद ज़रा छुप जा, ऐ वक़्त ज़रा रुक जा एक बात है होँठों पे, कह लूँ तो क़रार आए, एक बोझ तो हट जाए ऐ चाँद ज़रा छुप जा, ऐ वक़्त ज़रा रुक जा रुख़ उनका इधर को है, अब क्यूँ न बहार आए, दुनिया न बदल जाए ऐ चाँद ज़रा छुप जा, ऐ … Continue reading