मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा कोई कहे चाँद, कोई आँख का तारा हँसे तो भला लगे, रोए तो भला लगे अम्मी को उसके बिना कुछ भी अच्छा न लगे जियो मेरे लाल, जियो मेरे लाल तुमको लगे मेरी उमर, जियो मेरे लाल मुन्ना बड़ा प्यारा, अम्मी का दुलारा कोई कहे चाँद, कोई आँख का … Continue reading
आप हुए मेरे बलम मैं तुम्हारी हुई, मान लीजिए अजी मान लीजिए दिल का इरादा, नज़र के इशारे हुए, जान लीजिए अजी जान लीजिए आप हुए मेरे बलम मैं तुम्हारी हुई, मान लीजिए अजी मान लीजिए ग़ैरों की नज़रों से तुमको चुरा लूँ जी चाहता है पलक में छुपा लूँ प्यार की ये डोरी सजन … Continue reading
पहले मुर्गी हुई थी कि अण्डा, ज़रा सोचके बताना जग में पहले गड़ा किसका झण्डा, ज़रा सोचके बताना हर चेहरे पे नक़ली चेहरा, नक़ली चेहरे पे झूठी हँसी ऊपरवाले तेरे ही कारन जान मेरी मुश्किल में फँसी पहले मुर्गी हुई थी कि अण्डा, ज़रा सोचके बताना ज़रा सोचके बताना देख अकेला आँखदिखाई, महफ़िल में आके … Continue reading
ओ मेरी मैना, तू सुन मेरा कहना हाथों में हाथ चल मेरे साथ, ये चाँद रात क्या बात है ओ मेरी मैना बहारों ने छेड़ा है प्यार का तराना कि अब जाके आया है रंग पे ज़माना क़सम है, न ऐसे में तू रूठ जाना ओ मेरी मैना … आ बादल की गलियों से दूर … Continue reading
देखनेवालो थाम लो दिल को, अपना तमाशा शुरु हो गया हुस्न ने हँसकर तोड़ी क़यामत, फिर से वो क़िस्सा शुरु हो गया मेरी वफ़ा का उनको पता क्या, उनका शबाब नशा उनका ज़माना, महफ़िल भी उनकी, किससे करूँ मैं गिला देखनेवालो थाम लो दिल को … वक़्त है थोड़ा, रात ज़रा-सी, चाँद भी ढलने को … Continue reading
ओ लड़के, बढ़ते-बढ़ते, तू तो यहाँ भी आ गया ओ लड़की, मर्ज़ी मेरे दिल की, इसमें किसीका क्या गया रस्ते के पार मैं थी खड़ी, हो गई देखा-देखी भोली नज़र लड़ ही पड़ी, आगे की न सोची अब तुम जहाँ, हम भी वहाँ ओ लड़के, बढ़ते-बढ़ते, तू तो यहाँ भी आ गया ओ लड़की, मर्ज़ी … Continue reading
चाँद-रात, तुम हो साथ क्या करें, अजी अब तो दिल मचल-मचल गया दिल का ऐतबार क्या क्या करोगे जी, कल जो ये बदल-बदल गया जुल्मी नज़र, कैसी निडर, दिल चुरा लिया जाने किस अजब-से देश में बुला लिया ये भी कोई दिल है क्या जहाँ मौका मिला फिसल-फिसल गया चाँद-रात, तुम हो साथ … सुनिये … Continue reading
जिन रातों की भोर नहीं है, आज ऐसी ही रात आई बोझ से ग़म के डूब गया दिल, सागर की है गहराई रात के तारो, तुम ही बता दो, मेरी वो मंज़िल है कहाँ पागल बनकर जिसके लिए मैं खो बैठा हूँ दोनों जहाँ जिन रातों की भोर नहीं है, आज ऐसी ही रात आई … Continue reading
ओ जग के रखवाले, हमें तुझबिन कौन सँभाले ओ जग के रखवाले जित देखूँ, देखूँ अँधियारा, घायल मन घबराए जैसे अँधी रात में पँछी राह भूल दुख पाए चहुं-ओर हैं बादल काले हमें तुझबिन कौन सँभाले, ओ जग के रखवाले एक आस अब तुमसे भगवन, एक ही द्वार तुम्हारा बाँह बढ़ाके हमें उठा लो, तुमही … Continue reading
आह! छोड़ मेरी बैंया, बलम बेईमान आते-जाते देख लेगा कोई छुईमुई जैसी नन्ही-सी मेरी जान आते-जाते देख लेगा कोई छोड़ मेरी बैंया आहा! निकली थी लेने बलम बगिया से फूल बातों-बातों में तेरी, राह गई भूल हाय रे, मैं आई कहाँ, छूटा घर मेरा वहाँ उड़ती है दूर जहाँ, भेदभरी धूल लागे डर मुझको यहाँ, … Continue reading