गोरी, बाबुल का घरवा अब है बिदेसवा साजन के चरणों में घर है तेरा ओ गोरी, चार दीवारी, अंगना, अटारी यही तेरी दुनिया, ये जग है तेरा गोरी, बाबुल का घरवा आई है तू, बगिया में जैसे बहार आई रे आँचल में प्यार, अँखियों में सपने हज़ार लाई रे बड़ी गहरी नदिया के पार आई … Continue reading
नींदपरी लोरी गाए, माँ झुलाए पालना सो जा मेरे लालना, सो जा मेरे लालना मीठे-मीठे सपनों में खो जा मेरे लालना नींदपरी लोरी गाए तूने मेरे मदभरे सपनों को रंग डाला तेरी दोनों अँखियोँ में दुनिया का उजियाला तू जो हँसे, झिलमिलाए दीपमाला नींदपरी लोरी गाए … तू ना होता ज़िंदगी में आहें होतीं सूनी-सूनी … Continue reading
हमको समझ बैठी है ये दुनिया दीवाना, दीवाना पर मैं अगर पागल हूँ, दुनिया है पागलख़ाना दीवाना, दीवाना हमको समझ बैठी है ये दुनिया दीवाना, दीवाना चाल बेढ़ंगी, दुनिया दोरंगी, मतलब की अँधी हमको न पूछे, पत्थर पूजे, दौलत की बंदी धोखे में मत आ जाना, दुनिया से दिल ना लगाना है बात ये पते … Continue reading
कैसे मनाऊँ पियवा, गुण मेरे एकहू नाहीं आई मिलन की बेला, घबराऊँ मन माहीं कैसे मनाऊँ पियवा साजन मेरे आए, धड़कन बढ़ती जाए नैना झुकते जाएँ, घूँघट ढलका जाए तुझसे क्यूँ शर्माए, आज तेरी परछांईं कैसे मनाऊँ पियवा मैं अनजान पराई, द्वार तिहारे आई तुमने मुझे अपनाया, प्रीत की रीत निभाई हाय रे, मन की … Continue reading
अकेला तुझे जाने ना दूँगी बनके छैंया मैं संग-संग चलूँगी अकेला तुझे जाने ना दूँगी पूरब-दिस है जादू-टोना, भोला है मेरा सजन सलोना कोई बहका ले तो मैं क्या करूँगी अकेला तुझे जाने ना दूँगी चढ़ती नदिया बहता पानी, ढाए सौ-सौ जुलम जवानी गहरी धारा, मैं कब तक बहूँगी अकेला तुझे जाने ना दूँगी हमरा … Continue reading
झुक-झुक-झुक-झूम घटा छाई रे, मन मोरा लहराए पीहू पीहू पीहू पीहू पपीहा गाए, हाय झुक-झुक-झुक-झूम घटा छाई रे, घटा छाई रे गली-गली आज छिड़ी बादलों की रागिनी चंचल नारी-सी हँसे मतवारी दामिनी मस्तीभरी झूमे सावन की परी सुनके रिमझिम की झड़ी, जिया ललचाए, हाय झुक-झुक-झुक-झूम घटा छाई रे, घटा छाई रे दूर-दूर देश गईं संग … Continue reading