देखो मेरा दिल मचल गया उन्हें देखा और बदल गया मचल गया, दिल मेरा देखो मेरा दिल मचल गया चाहत का रोग लगाके, आँखों में उनको बसाके मीठी ये आग लगाके, पछताऊँ मैं, पछताऊँ मैं देखो मेरा दिल मचल गया … जीना है मुश्किल उन बिन, बिगड़े है हालत दिन-दिन बिरहा की अग्नि पलछिन, जलती … Continue reading
तितली उड़ी, उड़ जो चली फूल ने कहा, आजा मेरे पास तितली कहे, मैं चली आकाश खिले हैं गगन में तारों के जो फूल वहीं मेरी मंज़िल कैसे जाऊँ भूल जहाँ नहीं बंधन, ना कोई दीवार जाना है मुझे वहाँ बादलों के पार तितली उड़ी, उड़ जो चली … फूल ने कहा, तेरा जाना है … Continue reading
तुम बिन सजन बरसे नयन, जब-जब बादल बरसे मजबूर हम, मजबूर तुम, दिल मिलने को तरसे नागिन-सी ये रात अँधेरी, बैठी है दिल को घेरके रूठे जो तुम, सब चल दिए मुख फेरके तुम बिन सजन … ये दिल तेरे प्यार की ख़ातिर, जग से बेगाना हो गया एक ख़्वाब था, सब लुट गया, सब … Continue reading
मैं हर रात जागी कि इस बार शायद मोहब्बत तुम्हें इस तरफ़ खींच लाए तुम्हारी क़सम तुम बहुत याद आए न पूछो, ये दिन हमने कैसे बिताए तुम्हारी क़सम तुम बहुत याद आए बरसने लगे शब तो क्या नींद आए उधर कडके बिजली, इधर जान जाए न पूछो, ये दिन हमने … ज़रा एक नज़र … Continue reading
आए रे दिन सावन के, सावन के बलम तेरे आवन के, आवन के आए रे दिन सावन के तेरे प्यार का जोग लिया, मोहे लोग कहें दीवानी घर-घर की इस कहा-सुनी में, मैं बन गई कहानी आए रे दिन सावन के … दो नैनों के दीप जलाए, जागूँ सारी रैना कैसे लागे नैन पिया जब, … Continue reading
चलत मुसाफ़िर मोह लिया रे पिंजड़ेवाली मुनिया उड़-उड़ बैठी हलवैया दोकनिया बर्फ़ी के सब रस ले लिया रे पिंजड़ेवाली मुनिया उड़-उड़ बैठी बजजवा दोकनिया कपड़ा के सब रस ले लिया रे पिंजड़ेवाली मुनिया उड़-उड़ बैठी पनवडिया दोकनिया बीडा के सब रस ले लिया रे पिंजड़ेवाली मुनिया चलत मुसाफ़िर मोह लिया रे पिंजड़ेवाली मुनिया chalat musaafir … Continue reading
हाय गजब कहीं तारा टूटा लूटा रे लूटा, मेरे सैंया ने लूटा हाय गजब कहीं तारा टूटा पहले तारा अटरिया पे टूटा दाँतों तले मैंने दाबा अँगूठा लूटा रे लूटा, साँवरिया ने लूटा हाय गजब कहीं तारा टूटा … दूसरा तारा बजरिया में टूटा देखा है सबने कि मेला था छूटा लूटा रे लूटा, सिपहिया … Continue reading
पान खाए सैंया हमारो साँवरी सुरतिया होंठ लाल-लाल हाय हाय मलमल का कुर्ता मलमल के कुर्ते पे छींट लाल-लाल पान खाए सैंया हमारो हमने मँगाई सुरमेदानी, ले आया ज़ालिम बनारस का ज़र्दा अपनी ही दुनिया में खोया रहे वो, हमरे दिल की न पूछे बेदर्दा पान खाए सैंया हमारो … बगिया गुन-गुन, पायल छुन-छुन, चुपके-से … Continue reading
सजन रे झूठ मत बोलो, ख़ुदा के पास जाना है न हाथी है न घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है सजन रे झूठ मत बोलो तुम्हारे महल-चौबारे यहीं रह जाएँगे सारे अकड़ किस बात प्यारे, ये सर फिर भी झुकाना है सजन रे झूठ मत बोलो … भला कीजे भला होगा, बुरा कीजे बुरा … Continue reading
सजनवा बैरी हो गए हमार चिठिया हो तो हर कोई बाँचे, भाग ना बाँचे कोय करमवा बैरी हो गए हमार जाए बसे परदेस सजनवा सौतन के, भरमाए ना संदेस न कोई ख़बरिया, रुत आए रुत जाए डूब गए हम बीच भंवर में करके सोलह पार सजनवा बैरी हो गए हमार सूनी सेज गोद मोरी सूनी, … Continue reading