आ गले लग जा मेरे सपने, मेरे अपने मेरे पास आ आबाद है तू मेरी धड़कनों में, मेरी जान तुझमें बसी है बादल से जो आस है मोर को मेरे दिल को वो तुझसे लगी है एक तेरी मुस्कान, अँगड़ाई लेती हुई मेरी तक़्दीर जागे एक तेरी झलकी, चली आएँ पल में मेरी मंज़िलें मेरे … Continue reading
अपने हुए पराए क़िस्मत ने क्या दिन दिखलाए कुछ सोचो और कुछ हो जाए हाय रे धीरज कौन बँधाए अपने हुए पराए अँधी जो तक़्दीर न होती, तो इतनी बेपीर न होती दिल पर इतना बोझ न होता, पैरों में ज़ंजीर न होती अपने हुए पराए … जिन राहों से कोई न आए, बैठे उनपे … Continue reading
बहार बनके वो मुस्कुराए हमारे गुलशन में बाद-ए-सबा तू न आए तो क्या, काली घटा तू न छाए तो क्या बहार बनके वो मुस्कुराए हमारे गुलशन में मेरे दिल की राहों पे मेरे संग-संग आ तुझको दिखला दूँ मैं हमदम अपना रंगोंभरी दुनिया मेरी, मेरा प्यार पहला बाद-ए-सबा तू न आए तो क्या, काली घटा … Continue reading
गगन के चँदा न पूछ हमसे, कहाँ हूँ मैं दिल मेरा कहाँ है किसीके चाहत में खो गए हम, ना अपना दिल है, ना अपनी जाँ है गगन के चँदा नज़र से नज़र मिलके शरमा रही है, हर एक राज़ झुककर कहे जा रही है घड़ी ये मोहब्बत के इक़रार की है, रुत प्यार की … Continue reading
प्यार निभाना, भूल न जाना सजन सलोने, मैं भई आज तेरी साथ जिऊँगी, साथ मरूँगी सजन सलोने, सांची ये प्रीत मेरी प्यार निभाना, भूल न जाना सजन सलोने, मैं भई आज तेरी सजनवा, बलमवा, नैना मेरे झुक-झुकके हर बार आगे तेरे, कहते हैं ये प्यार निभाना, भूल न जाना … पलकों में आके, सपने सजाके … Continue reading
तोसे नज़र लड़ी, सजना रे मेरे मन सुई गड़ी, सजना रे दिल की कसक बढ़ी, सजना रे प्यार की आग लगानेवाले, दिल का चैन चुरानेवाले अब मत आँख चुरा तू हमसे, मत तड़पा तड़पानेवाले बैंया थाम अपना रे तोसे नज़र लड़ी … याद आएँ जब तेरी बातें, आँखों में कटती हैं रातें अंदर जलता है … Continue reading
सागर का झलमल पानी, मछरिया बलखाती जाए देखो बलखाती जाए मतवारी देखे मगरमच्छ लोभी, कमरिया लचकाती जाए देखो लचकाती जाए मतवारी सागर का झलमल पानी, मछरिया बलखाती जाए देखो बलखाती जाए मतवारी सोन-रंग मछली, नीलम-रंग पानी है बिखरा गगन पे गुलाल छुपके किनारे से बूढ़े मछेरे ने फैलाए रेशम के जाल बच-बचके जाए वो हाथ … Continue reading
बुलाती है बहार, चले हम दोनों, ओहो ओहो कोयल बोले कुहू कुहू कुहू, पपीहा कहे पीहू पीहू पीहू बुलाती है बहार अंबुवा की डाली-डाली न जाने क्यूँ झुकती जाए चंचल हवा का झोंका संदेसा जाने किसका लाए भँवरों की टोली घूमे, कलियों के मुखड़े चूमे बुलाती है बहार … महकी-सी जाए जब से बहक गई … Continue reading
आए गयो, मोरे मन भाए गयो दिल में समाए गयो राम, बलम मोरा जिया उलझाए गयो रे आए गयो, मोरे मन भाए गयो … रातों की नींद गई, दिन का चैन गया कहीं भी जी न लगे, लगा एक रोग नया चाँदनी रात जले मोरी चँदा के बिना आके मिल जा रे सजन, और तारे … Continue reading
दाँतों का ज़माना, प्यारे दाँत बचाना कोई तोड़ दे या टूटें तो, पास हमारे आना दाँतों का ज़माना होश के तोते उड़ गए होते दुखता जो होता प्यारे तेरा कोई जबड़ा तकिया भिगोते, भूखे ही सोते खीच के मारे होता घरवाली से झगड़ा बैठे न रहते, रह-रहके कहते जल्दी बुलाओ, जल्दी बुलाओ खन्ना कहाँ है? … Continue reading