Songs of Shailendra::
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१९५६ – पटरानी – राजा प्यारे मत करो प्यार का मोल | 1956 – Patrani – raja pyare mat karo pyar ka mol

राजा प्यारे, मत करो प्यार का मोल इस दुनिया में एक यही चीज़ अनमोल राजा प्यारे, मत करो प्यार का मोल राजा प्यारे तुम ख़ुशियों के सागर प्यारे, मैं इठलाती लहरी तुम उमड़े तो मैं लहराई, वरना ठहरी-ठहरी राजा प्यारे, मत करो प्यार का मोल … सतरंगी किरनों के सूरज तुमसे जग में ज्योति मैं … Continue reading

१९५६ – पटरानी – कभी तो आ ओ सपनों में आके चले जानेवाले | 1956 – Patrani – kabhi to aa o sapnon mein aake chale janewale

कभी तो आ, कभी तो आ, कभी तो आ ओ सपनों में आके चले जानेवाले भली-बुरी हूँ जैसी भी, मैं तेरी हूँ तरसकर मोहे तरसानेवाले कभी तो आ, कभी तो आ, कभी तो आ रंगीली रुत आ गई, रंगीली रुत आ गई देखके चाँद का ढलना हो, पिया मैं घबरा गई ढलेगी क्या ये उम्र … Continue reading

१९५६ – पटरानी – ओ बलमा तुम बेदर्दी | 1956 – Patrani – o balma tum bedardi

ओ बलमा तुम बेदर्दी मुँह देखेकी की प्रीत तुम्हारी हमने दिल से प्यार किया रूप-रंग तुम ख़ूब ही जानो मन की तपन पिया तुम क्या जानो अब तो हार मानो रसिया ओ बलमा तुम बेदर्दी … चाँद से कह दो आज ना जाए उनकी ये बतियां सबको बताए कल कहीं बदल ना जाएँ पिया ओ … Continue reading

१९५६ – पटरानी – चंद्रमा मदभरा क्यूँ झूमे | 1956 – Patrani – chandrama madbhara kyon jhoome

चंद्रमा मदभरा क्यूँ झूमे बादर में वो ख़ुशी अब कहाँ मुझ बिरहन के घर में चंद्रमा जबसे रूठे बलम हमारे, रूठे तबसे भाग हमारे लग गया रोग जिगर में चंद्रमा, लग गया रोग जिगर में चंद्रमा, क्यूँ झूमे बादर में एक तो बिरहन कल ना पावे, उपर से तू आग लगावे जा बस और नगर … Continue reading

१९५६ – पटरानी – दिल गया दर्द रहा सीने में | 1956 – Patrani – dil gaya dard raha seene mein

ऊँचे महल में रहनेवाले, कभी इधर भी देख ले दिल गया, दर्द रहा सीने में तुम नहीं, कुछ भी नहीं जीने में दिल गया आँखों में तुम आए जब से, कुछ और नहीं सूझा तब से तरसाके हमें बरसात गई, हर रात गई तड़पाके दिल गया, दर रहा सीने में … तुम रात के तारों … Continue reading

१९५६ – पटरानी – ना जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए | 1956 – Patrani – na jaane tum kaun meri ankhon mein sama gaye

ना जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए सपनों के मेहमान बनके मेरे दिल में आ गए धीरे-धीरे मेरी दुनिया पे छा गए ना जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए सब ये पूछेँ बलम का क्या नाम है जिसके तुम चन्द्रमा कौन-सा धाम है मैं न कुछ कह सकूँ, प्यार बदनाम है … Continue reading

१९५६ – पटरानी – अरे कोई जाओ री पिया को बुलाओ री | 1956 – Patrani – are koi jaao ri piya ko bulaao ri

अरे कोई जाओ री, पिया को बुलाओ री गोरी की पायल बाजे छुम छननन छुम जैसे-जैसे रात चढ़े, अँखियों की प्यास बढ़े गोरी की पायल कहे छुम छननन छुम आज की रात साजन के साथ गुपचुप होंगी भेद की बतियाँ नैनों में नैना हाथों में हाथ रूप धरेंगी मेरे मन की मुरतियाँ अरे कोई जाओ … Continue reading

१९५६ – परिवार – झिरझिर-झिरझिर बदरवा बरसें हो कारे-कारे | 1956 – Parivar – jhirjhir jhirjhir badarwa barsen ho kare kare

झिरझिर-झिरझिर बदरवा बरसें हो कारे-कारे सोए अरमान जागे, कई तूफ़ान जागे माने ना मन मोरा सजना बिना झिरझिर-झिरझिर बदरवा बरसें हो कारे-कारे, झिरझिर-झिरझिर आजा कि तोहे मेरी प्रीत पुकारे तुझको ही आज तेरा गीत पुकारे याद आईं बीती बातें, तुमसे मिलन की रातें काहे को भूले मोहे अपना बना झिरझिर-झिरझिर बदरवा बरसें हो कारे-कारे झिरझिर-झिरझिर … Continue reading

१९५६ – हलाकू – अजी चले आओ, तुम्हें आँखों ने दिल में बुलाया | 1956 – Halaku – aji chale aao, tumhein aankhon ne dil mein bulaya

अजी चले आओ अजी चले आओ, तुम्हें आँखों ने दिल में बुलाया अब तो समझ जाओ अब तो समझ जाओ, क्यूँ निगाहों ने पर्दा गिराया अजी चले आओ दिल में उठती हैं कैसी उमंगें, तुमसे कानों में कहना पड़ेगा शर्त सुन लो मगर मेरे दिलबर, आके दिल में ही रहना पड़ेगा ज़रा मुस्कुराओ ज़रा मुस्कुराओ, … Continue reading

१९५६ – हलाकू – आजा कि इंतज़ार में | 1956 – Halaku – aa ja ki intezar mein

आजा कि इंतज़ार में, जाने को है बहार भी तेरे बग़ैर ज़िंदगी, दर्द बनके रह गई अरमाँ लिए बैठे हैं हम, सीने में है तेरा-ही ग़म तेरे दिल से प्यार की वो तड़प किधर गई आजा कि इंतज़ार में… दिल की सदा पे ऐ सनम, बढ़ते गए मेरे क़दम अब तो चाहे जो भी हो, … Continue reading

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